धन की मनोविज्ञान (Psychology of Money)
धन की मनोविज्ञान (Psychology of Money) एक रुचिकर और महत्वपूर्ण विषय है जिसका अध्ययन हमें धन के प्रति हमारे मनोवैज्ञानिक तथा भावनात्मक प्रभावों की समझ में मदद करता है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि हमारे व्यक्तिगत मनोवैज्ञानिक प्राथमिकताएं, आवश्यकताएं, दुविधाएं और भ्रम धन संबंधी निर्णयों पर कैसे प्रभाव डालती हैं। धन के प्रति मनोवैज्ञानिक तथा भावनात्मक प्रभावों में कई कारक शामिल हो सकते हैं, जैसे भ्रम, आत्ममहत्व, बदलते आदर्श, भ्रष्टाचार, संघर्ष, आपातकालीनता, अपेक्षाएं, साझा करने की इच्छा, निवेश और खर्च करने की रुचि, आपात स्थितियों में धन के उपयोग का निर्धारण, आदि। इसे समझने के लिए, हमें अपने व्यक्तिगत मनोवैज्ञानिक प्रवृत्तियों और धन के प्रति हमारी सोच को विश्लेषण करना होगा। कई लोग धन को स्वीकार्यता, सम्मान, सुरक्षा, स्वाधीनता, प्रगति, सुख, अधिकार आदि के प्रतीक के रूप में देखते हैं। दूसरी ओर, कुछ लोग धन को दुख, स्वाधीनता की हानि, लोभ, प्रलोभन, व्यय, आदि का कारण मानते हैं। धन की मनोवैज्ञानिक अध्ययन हमें यह समझने में मदद करता है कि हम कैसे अपनी मनोवैज्ञानिक प्रवृत्तियों, धार्मिक, सामाजिक,...